रुधौली: अस्पताल सरकारी, डॉक्टर सरकारी, जांच और दवा लिखी जा रही है बाहर की, मरीज परेशान

रुधौली सीएचसी पर मरीज माफिया का दबदबा। मरीज के पर्चों पर लिखवा रहे हैं बाहर की जांच और दवा। रुपया खर्च किए बिना नहीं हो पा रहा है मरीजों का इलाज.

रिपोर्ट- डॉ. एस.के. सिंह

रुधौली/ बस्ती: सरकारी अस्पताल में मुफ्त और सस्ते इलाज की उम्मीद में आम लोग पहुंचते हैं मगर वहां दवा और जांच के नाम पर प्राइवेट अस्पताल की तरह पैसा खर्च करना पड़ रहा है। 14 सितंबर को नजीबुन्ननिशा अपनी बेटी शबीना के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुधौली पहुंची तो डॉ. संजय कुमार ने एक छोटी पर्ची पर बाहर की चार दवा लिखकर प्राइवेट दुकान जनता मेडिकल स्टोर से लेने के लिए भेज दिया। जबकि शबीना को कोई दवाई नहीं लिखी, अल्ट्रासाउंड करने के लिए बाहर भेज दिया। 



सरकारी पर्ची पर दवा लेने पहुंचे तो फार्मासिस्ट ओम प्रकाश मिश्रा ने कहां अस्पताल बंद हो गया है दवा नहीं मिलेगी। उनके साथ आए समाजसेवी इफ्तिखार अहमद ने सीएचसी प्रभारी आनंद मिश्रा, डॉक्टर संजय कुमार,फार्मासिस्ट ओम प्रकाश मिश्रा और बिचौलिया गणेश के विरुद्ध उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।



सरकारी अस्पताल में सर्जरी का मामला हो या अन्य सामान्य व जटिल बीमारियों का उपचार के लिए हर जगह आपको रुपए खर्च करने पड़ेंगे, सिर्फ कहने के लिए कि आप सरकारी अस्पताल में आए हैं। परामर्श शुल्क से लेकर सर्जरी चार्ज, दवा, रुई-पट्टी सिरिंज वह अन्य कृत्रिम उपकरण आदि सभी का इंतजाम जेब से करना पड़ेगा। 


निजी क्षेत्र के जांच, मेडिकल स्टोर और नर्सिंग होम संचालित करने के लिए मरीज माफिया ने पूरा जोर लगा दिया है। वो सरकारी अस्पताल में पूरी तरह हावी हैं, क्योंकि मुफ्त इलाज की उम्मीद में बड़ी संख्या में मरीज सरकारी अस्पताल में पहुंचते हैं मगर वहां उनके साथ उल्टा हो रहा है। 


मरीज माफिया की अस्पताल के अंदर इस कदर सेटिंग है कि मरीज के साथ सरकारी सुविधाओं में कटौती कर ली जा रही है। उनके पर्चे पर दवा जांच आदि बाहर से लिखा जा रहा है। इसमें कमीशन, निर्धारित सेटिंग की दवाएं होती हैं। इसी तरह के पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड डिजिटल एक्सरे सीटी स्कैन सेंटर भी सेट रहते हैं। 


इन सेन्टरों पर अस्पताल के मरीजों की जांच के लिए भेजा जाता है। जहां महगें दर पर मरीजों की जांच की जा रही है मुनाफे में से मरीज माफिया जिम्मेदारों को अच्छा बखरा दे रहे हैं।