New Pocket-sized Sensor: भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा सस्ता सेंसर जो दिखाएगा जहरीली गैस का हर इशारा!

बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने बनाया उच्च संवेदनशीलता वाला पोर्टेबल सेंसर, जो 320 पीपीबी जितनी कम सांद्रता में सल्फर डाइऑक्साइड की पहचान कर सकता है.

New Pocket-sized Sensor: भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा सस्ता सेंसर जो दिखाएगा जहरीली गैस का हर इशारा!


बेंगलुरु – वायु प्रदूषण से होने वाली श्वसन समस्याओं और अस्थमा के मामलों में बढ़ोतरी के बीच भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के स्वायत्त संस्थान सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (CeNS), बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने एक कम लागत वाला और बेहद संवेदनशील सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस सेंसर विकसित किया है, जो 320 पीपीबी (parts per billion) जितनी कम सांद्रता में भी SO2 का पता लगा सकता है।


सल्फर डाइऑक्साइड एक जहरीली वायु प्रदूषक गैस है जो वाहनों और उद्योगों से निकलती है। इसका मामूली संपर्क भी श्वसन तंत्र में जलन, अस्थमा के दौरे और दीर्घकालिक फेफड़ों की क्षति का कारण बन सकता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के लिए SO2 के स्तर की वास्तविक समय में निगरानी बेहद जरूरी है। हालांकि, मौजूदा सेंसर तकनीकें महंगी, ऊर्जा-गहन और बेहद कम सांद्रता में पता लगाने में सीमित हैं।


नया पॉकेट-साइज़ सेंसर- New pocket-sized sensor

चित्र: ए) सुरक्षित स्थितिबी) चेतावनी स्थितिऔर सी) खतरे की स्थिति में थ्रेशोल्ड-ट्रिगर सेंसर प्रतिक्रिया।


इसी चुनौती को हल करने के लिए CeNS के वैज्ञानिकों ने एक सरल संश्लेषण प्रक्रिया से दो धातु ऑक्साइड—निकेल ऑक्साइड (NiO) और नियोडिमियम निकेल (NdNiO3)—का संयोजन किया। इसमें NiO रिसेप्टर की भूमिका निभाता है और NdNiO3 ट्रांसड्यूसर के रूप में सिग्नल को कुशलता से प्रसारित करता है। यह संयोजन सेंसर को इतनी कम सांद्रता पर भी SO2 का सटीक पता लगाने की क्षमता देता है, जो कई वाणिज्यिक सेंसरों से बेहतर है।


CeNS में डॉ. एस. अंगप्पन के नेतृत्व वाली टीम ने इस सामग्री का उपयोग करके एक पोर्टेबल प्रोटोटाइप भी विकसित किया है। यह प्रोटोटाइप वास्तविक समय में SO2 का पता लगाकर रंग आधारित चेतावनी संकेत प्रदान करता है—हरा (सुरक्षित), पीला (चेतावनी), और लाल (खतरा)। इसका सरल डिजाइन उपयोगकर्ताओं को वैज्ञानिक प्रशिक्षण के बिना भी गैस स्तर की व्याख्या और त्वरित प्रतिक्रिया करने की सुविधा देता है।


सेंसर का हल्का और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन इसे औद्योगिक इलाकों, शहरी स्थानों और संलग्न क्षेत्रों में निरंतर वायु गुणवत्ता निगरानी के लिए उपयुक्त बनाता है। उच्च संवेदनशीलता, पोर्टेबिलिटी और यूजर-फ्रेंडली ऑपरेशन इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के लिए व्यावहारिक समाधान बनाते हैं। यह सफलता दिखाती है कि कैसे भौतिक विज्ञान की सरल लेकिन प्रभावी तकनीकें वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान कर सकती हैं।


इस सेंसर को विष्णु जी नाथ ने डिजाइन किया है। टीम में डॉ. शालिनी तोमर, निखिल एन. राव, डॉ. मुहम्मद सफीर नादुविल कोविलकाथ, डॉ. नीना एस. जॉन, डॉ. सतदीप भट्टाचार्य और प्रो. सेउंग-चेओल ली का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह शोध प्रतिष्ठित "स्मॉल" जर्नल में प्रकाशित हुआ है।


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